राम कपूर को फ़िल्मों में काम करने से रोकने के लिये अध्यादेश लायेगी सरकार
नयी दिल्ली/मुंबई. केंद्र सरकार ने राम कपूर को फ़िल्मों में काम करने से रोकने के लिये अध्यादेश लाने का फ़ैसला किया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने इस फ़ैसले की जानकारी देते हुए बताया कि “जब राम कपूर को रोकने के हमारे सारे रास्ते बंद हो गये, तब मजबूरी में हमें यह क़दम उठाना पड़ा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट करके कहा है कि “देश पर एक बार फिर राम कपूर नाम की विपदा आयी है। सभी देशवासियों से अपील है कि वे मुसीबत की इस घड़ी में धैर्य बनाये रखें। राम को इग्नोर करें और अपना ध्यान सिर्फ़ सनी पर लगायें।”
उधर, राम कपूर को लेकर संसद में आज लगातार तीसरे दिन भी हंगामा जारी रहा। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में सरकार पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए कहा कि “राम को सिर्फ़ फ़िल्मों में रोकने से क्या होगा! टीवी पर तो वो फिर भी आता रहेगा और मासूम बच्चों को इसी तरह डराता रहेगा।”
कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए श्री जेटली ने कहा कि “पूरा देश जानता है कि यूपीए सरकार के दस सालों में राम कपूर की कितनी घटनाएं हुई थीं। ‘हमशकल्स’ का भीषण हादसा भी कांग्रेस की वजह से ही हुआ था।”
इस बीच, ‘कुछ कुछ लोचा है’ के प्रोड्यूसर मुकेश पुरोहित ने सरकार को भरोसा दिलाया है कि “राम कपूर वाले हर सीन में वैधानिक चेतावनी दिखायी जायेगी कि ‘राम कपूर को देखना स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।'”
“सेंसर बोर्ड ने ऑलरेडी वे सारे सीन काट दिये हैं, जिनमें राम की पूरी बॉडी दिख रही है। सिर्फ़ क्लोज अप वाले सीन छोड़े हैं” –श्री पुरोहित ने ठंडी आह भरते हुए कहा।
ख़ुफ़िया एजेंसियां भी यह पता लगाने में जुटी हैं कि सनी लियोन के साथ राम कपूर को लेने के पीछे प्रोड्यूसर का असल मकसद क्या है? कहीं यह भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री को तबाह करने की आईएसआई की साज़िश तो नहीं है?
सरकार के साथ-साथ दर्शकों को भी इसमें बहुत बड़ा लोचा नज़र आ रहा है। सनी लियोन के अभिनय के बहुत बड़े मुरीद मनोहर कड़ावाला का कहना है कि “सनी के साथ राम को देखना बिल्कुल वैसा ही है जैसे डेबोनेयर के साथ हनुमान चालीसा पढ़ रहे हों!”
अधीर राणे नाम के एक अन्य प्रशंसक ने कहा कि “ये तो सुना था कि फूल के साथ कांटा होता है, लेकिन वो कांटा इतना मोटा होता है, ये पता नहीं था!”
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