मैडम तुसाद के म्यूजियम पर आरोपः “कैटरीना कैफ़ के मोम के चेहरे पर एक्सप्रेशंस कैसे आये”
लंदन/मुंबई. मैडम तुसाद के म्यूजियम में लगाया गया कैटरीना कैफ़ का मोम का पुतला लगते ही विवादों के घेरे में आ गया है। फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि “कैटरीना के चेहरे में और उनके पुतले में कोई मेल नहीं है, क्योंकि पुतले के चेहरे पर कुछ एक्सप्रेशंस भी दिखायी दे रहे हैं।”
बॉलीवुड के एक जाने-माने निर्देशक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि “उस पुतले को देखकर तो ऐसा लग रहा है, जैसे अभी बोल पड़ेगा। जबकि असली कैटरीना मनमोहन सिंह जी की तरह है!”
फ़ेकिंग न्यूज़ ने इस मुद्दे पर कैटरीना के साथ दुभाषिये की मदद से बात की। कैटरीना ने ख़ुद को बेक़सूर बताते हुए कहा कि “इसमें मेरी क्या गलती है! वो एक्सप्रेशंस मैंने तो नहीं दिये!”
बॉलीवुड की अनेक ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों में काम कर चुकीं इस लिविंग लीजेंड ने चैलेंज देते हुए कहा, “मेरी सारी फ़िल्में उठाकर देख लो, मेरे चेहरे पे अगर किसी को एक भी एक्सप्रेशन नज़र आ जाये तो मैं उसी दिन फ़िल्मों में काम करना छोड़ दूंगी।”
“सब मेरे पीछे पड़े रहते हैं। मेरा हाथ बस हिंदी और एक्टिंग में ही तो कमज़ोर है। वहां सल्लू भाई का पुतला भी तो एक्सप्रेशन दे रहा है, उन्हें तो कोई कुछ नहीं कहता!”, –कैट ने रुआंसा होते हुए कहा।
उधर, मामले को तूल पकड़ता देख मैडम तुसाद म्यूजियम ने इस विवादित पुतले के चेहरे की जांच के आदेश दे दिये हैं। जांचकर्ताओं ने जब पुतला बनाने वालों से पूछा कि उन्होंने पुतले का चेहरा कैसे बनाया, तो उन्होंने जवाब दिया, “उनकी फ़िल्मों को देखकर!”
म्यूजियम के डायरेक्टर पीटर आयरलैंड ने कहा कि “हम मानकर चलते हैं कि एक्टर-एक्ट्रेसेज के चेहरों पे थोड़े बहुत एक्सप्रेशंस तो आते ही होंगे। ग़लती से हमने बॉलीवुड वालों के बारे में भी यही सोच लिया था।”
इस बीच, कैट की प्रतिद्वंदी और एक और बड़ी बॉलीवुड लीजेंड मल्लिका सहरावत ने मज़ाकिया लहज़े में कहा, “मैडम तुसाद को कैटरीना का पुतला लगाने की क्या ज़रूरत थी? वे पुतले की जगह उसी को खड़ा कर देतीं।”
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